अन्तर्गूंज संगीत

       संगीत का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। संगीत के अनेक रूप होते हैं और अधिकांश जन समुदाय संगीत के किसी न किसी रूप को पसन्द करता है। संगीत का ही एक रूप है – भजन संगीत या भक्ति संगीत। भक्ति संगीत हमारे मन को पॉजिटिव एनर्जी और शांति से भर देता है।         

       परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज ने विभिन्न भाषाओं में अनेक ग्रंथों एवं कृतियों की रचना करके जिनागम को हम तक पहुंचाया है। इसके साथ ही अनेक सुन्दर, अध्यात्मिक भजनों को लिखकर, इस माध्यम से भी, जिनवाणी और जिनागम को आर्कषक रुप में, नई पीढ़ी और जन समुदाय तक पहुँचाया है।  पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज द्वारा रचित हृदय के अन्तर्भावों से निकले, भावपूर्ण, सुन्दर, आध्यात्मिक भजनों को अन्तर्गूंज भजन के नाम से जाना जाता है। इन भजनों को एकाग्रता से श्रवण करने  मात्र से मानसिक  Healing के साथ-साथ शारारिक Healing भी हो जाती है। आध्यात्मिक ज्ञान भी बढ़ता है, पुण्य का आश्रव भी होता है।

        पूज्य मुनि श्री द्वारा रचित अन्तर्गूंज भजन एवं स्तोत्र अनेक गायकों के लिए भी इतने प्रिय बने कि उन्होंने अपनी  कर्णप्रिय, मनमोहक आवाज और मधुर संगीत के साथ, इस भजनों को प्रस्तुत किया है। इस अर्न्तंगूज संगीत एल्बम में प्रसिद्ध गायकों की आवाज में, अन्तर्गूंज भजनों एवे स्तोत्रों को संकलित किया गया है। इस संगीत एल्बम को सुनकर उदास मन भी प्रसन्नता से भर जाता है।ज्ञान से भरपूर भजनों, स्तोत्र और मधुर संगीत का ऐसा संयोग यहां देखने को मिलता है ।

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अन्तर्गूंज भजन संकलन

परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज द्वारा
रचित भजनों की कुछ प्रसिद्ध गायकों द्वारा प्रस्तुति

(i)वीडियो भजन प्रियंका जैन, सदर मेरठ
(ii)वीडियो एवं ऑडियो भजनश्री अवशेष जैन
(iii)ऑडियो भजनस्वर - स्वस्ति मेहुल जैन
(iv)वर्धमान स्तोत्रस्वर - व्रती डॉ. मोनिका सुहास शहा, मुंबई
(v)कल्याण मन्दिर स्तोत्रस्वर: राजीव जैन
(vi)वीडियो भजन श्री आशीष जैन (सोनू डिंडोरी)
(vii)जिनवाणी स्तुतिस्वर: राष्ट्र गौरव डा० इन्दु जैन
(viii)वर्धमान स्तोत्रस्वर - पार्श्व गायिका तीक्ष्णा जैन
(ix)अर्हं भजनस्वर - Various Singers
(x)अन्य प्रस्तुतियाँ स्वर - Various Singers