.

.

पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के मार्गदर्शन से और प्राकृत भाषा में लोगों की बढ़ती रुचि को देखकर 1 जनवरी 2019 से whatsapp group पर प्राकृत की online पाठशालाएँ शुरू की गई। इन ऑनलाइन पाठशालाओं के शुरू होते ही इन पाठशालाओं की जैसे धूम ही मच गई। लोगों की बढ़ती संख्या और लगातार बढ़ती रुचि के कारण लगभग 1 साल में ही 16 online प्राकृत पाठशालाएँ शुरू हो चुकी थी । वर्ष 2022 तक 25 प्राकृत पाठशालाओं के माध्यम से लगभग 20 हजार विद्यार्थी प्राकृत भाषा का ज्ञान प्राप्त कर चुके हैं।
इन online प्राकृत पाठशालाओं में बहुत सरल और आधुनिक तरीके से नई टेक्नोलॉजी, नए system, motivation, feedback जैसी नई नई Technique प्रयोग करके प्राकृत भाषा सिखाई जाती है, जिससे सभी लोग आसानी से प्राकृत भाषा सीख जाते हैं। पाठशाला में दोपहर 2:30 बजे 5 प्रश्न पूछे जाते हैं। उनके सही उत्तर सायं 7:30 बजे share किये जाते हैं और जिज्ञासा समाधान किया जाता है। Friday, Saturday और Sunday पाठशाला का अवकाश रहता है। Friday प्रत्येक सप्ताह पाठ्यक्रम के revision कराने के लिए एक अभ्यास पेपर दिया जाता है। हर महीने एक exam लिया जाता है, जिसमें first, second, third; स्थान पाने वालों को पुरस्कार भी दिया जाता है।
इन सभी पाठशालाओं में पूज्य मुनि श्री द्वारा रचित “पाइया सिक्खा” पुस्तकों के आधार पर ही प्राकृत भाषा को सिखाया जाता है। प्राकृत टीम के अनुभवी और कुशल टीचर इन ऑनलाइन पाठशालाओं का संचालन कर रहे हैं। देश में ही नही, बल्कि USA, इग्लैंड, श्री लंका, जापान, स्विटरज़रलैंड आदि देशों में भी अनेकों लोग बड़ी रुचि और उत्साह के साथ इन पाठशालाओं में प्राकृत भाषा सीख रहे हैं।
पाठशाला से जुड़ने के लिए, WhatsApp लिंक-
पाठशाला से जुड़ने के लिए यहाँ click करें
संपर्क सूत्र –
डॉ अजेश जैन ‘शास्त्री’ रेवाड़ी
श्रीमती नेहा जैन ‘प्राकृत’ रेवाड़ी
