अतिशय क्षेत्र पनागर (जबलपुर)

 राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चातुर्मास के बाद, परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज एवं मुनि श्री चन्द्र सागर जी महाराज का दीर्घ अन्तराल के बाद पुन: मध्यप्रदेश की धरा पर मंगल आगमन हुआ और वर्ष 2022 के पावन वर्षायोग का सौभाग्य अतिशय तीर्थ क्षेत्र पनागर (जबलपुर) को प्राप्त हुआ। अनासक्त महायोगी आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के इन दो अमूल्य रत्नों की प्रभा से यह अतिशय क्षेत्र भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के मानचित्र पर भी जगमगा गया। आचार्य भगवन के इन दो सदाबहार पुष्पों की खुशबू से यह अतिशय क्षेत्र ऐसा सुरभित हुआ कि दूर दूर से भक्तगण, श्रावकजन यहां मंत्रमुग्ध हो खिंचे चले आए।

चातुर्मास की अवधि में, यहां अतिभव्य श्री शान्तिनाथ कथा और श्री महामह नन्दीश्वर विधान के साथ-साथ अनेक शिविर व कार्यकर्मों का सफल आयोजन हुआ। पूज्य मुनि श्री के आभा मण्डल ने यहां सभी को ऐसा आकर्षित किया कि जब पूज्य मुनिद्वय का विहार हुआ तो छोटे छोटे बालक भी फूट-फूटकर रो पड़े। भले ही मुनिराज का यहां से विहार हो गया, पर उनके चातुर्मास की सुन्दर यादें जैसे कि.. मुनि श्री ने कहाँ बैठकर ध्यान किया, कहां पर भक्ति पाठ, सामायिक, प्रतिक्रमण किया और कहाँ पर प्रवचन दिए, ये सभी स्मृतियाँ इस अतिशय क्षेत्र में शुभवर्गणाओं के साथ, आज भी विद्यमान हैं।

इन्हीं स्मृतियों को इस फोटो एल्बम के माध्यम से संकलित करने का प्रयास किया गया है—

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