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जैन समाज अनोखी प्रतिभाओं से समृद्ध समाज भी है। जैन समाज में ही अनेक प्रसिद्ध गायक, गीतकार और संगीतकार हुए जिनकी आवाज और संगीत का जादू देश क्या, विदेशों में भी छा गया।ऐसे ही एक सुप्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार थे — समाज की अमूल्य धरोहर, रविंद्र जैन जी। इसके अतिरिक्त भी जैन समाज में से ही अनेक गीतकार, गायक और संगीतकारों की प्रतिभा भी समय समय पर सबके सामने आती रही है ।
आज के समय में जबलपुर, मध्यप्रदेश के निवासी अवशेष जैन जी भी ऐसे ही एक सुप्रसिद्ध गीतकार और गायक हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर उनके भजनों का कलेक्शन और उस कलेक्शन का विषय देखने मात्र से उनकी गीत, संगीत की प्रतिभा का दर्शन हो जाता है। 500 के लगभग भजन उनके यूट्यूब चैनल पर सुनने को मिलते है। जिसमें अवशेष जी के लेखन, गायन, ज्ञान और श्रद्धा,भक्ति सभी गुण एक साथ दिखाई देते हैं। विभिन्न तीर्थ क्षेत्रों, सम्मेद शिखर जी, मांगीतुंगी, अहिच्क्षेत्र जी आदि, जिन धर्म महिमा, शाकाहार महिमा, जीवन की क्षणभंगुरता, भारत गौरव और वर्तमान परिस्थितियों पर अवशेष जी ने सुंदर भजन लिखे और गाये हैं।
गुरु भक्ति की श्रंखला मे अवशेष जी ने चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज, आचार्य प्रवर श्री ज्ञानसागर जी महाराज एवं अन्य आचार्यों के लिए भजन प्रस्तुत किए हैं। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के उपर तो अनेक अवसरों पर, चाहे वह दीक्षा दिवस हो या गुरु पूर्णिमा का अवसर हो, अवशेष जी ने अनेक सुन्दर भजन प्रस्तुत किये हैं जिनको सुनकर कोई भी प्रभावित हुए बिना नही रहता।
पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के द्वारा रचित अध्यात्मिक भजनों की श्रंखला अन्तर्गूंज में से 6 भजनों को अवशेष जी ने भी अपनी आवाज और सुन्दर संगीत के साथ बहुत आर्कषक रुप में प्रस्तुत किया है। ये सभी भजन बहुत पॉपुलर हुए और पसंद किए गए। इन भजनों को प्रस्तुत वीडियो और ऑडियो में सुना जा सकता है।