अर्हं विद्या सन्त निवास

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         उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित है — न्यू पंजाबी पुरा क्षेत्र। क्षेत्र में 1008 भगवान पार्श्वनाथ की सुंदर, मनोज्ञ प्रतिमा वाला एक छोटा  सा जिनालय है। विहार के समय दिल्ली से मेरठ शहर जाते हुए सभी साधु मुनि संघ, आर्यिका संघ सबसे पहले इसी जिनालय में दर्शन करते हैं। ऐसा सौभाग्य इस जिनालय का है।

         जब संत, मुनि संघ का सानिध्य किसी समाज को मिलता है तो उस समाज की इच्छा होती है, यह शुभ मंगलकारी सानिध्य उन्हें कुछ और अधिक समय तक प्राप्त हो। इस क्षेत्र पर सन्त निवास की व्यवस्था ना हो पाने के कारण, यहां के समाज की यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती थी। लंबे समय से सन्त निवास की कमी इस क्षेत्र पर अनुभव की जा रही थी।

         दिसंबर 2019 में परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का मंगल आगमन इस क्षेत्र पर हुआ। उस समय समाज के लिए दोगुने पुण्योदय का अवसर आया। एक ओर उन्हें महातपस्वी, कठोरचर्या का पालन करने वाले मुनि संघ का दर्शन एवं सानिध्य मिला और दूसरी ओर पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से यहां के समाज ने सन्तनिवास के निर्माण का संकल्प लिया। शीघ्र ही इसकी योजना भी तैयार कर ली ।

समाज के अनुरोध पर  पुनः पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिला और उन्हीं के सानिध्य में 20 जनवरी 2020 में अर्हं विद्या सन्त निवास का भव्य शिलान्यास  यहाँ सम्पन्न हुआ।

         वर्तमान समय में सभी समाज मन्दिर, जिनालयों के साथ सन्तनिवास का निर्माण भी कराते हैं।  मेरठ के  पंजाबी पुरा क्षेत्र में सभी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तीन मंजिल में निर्मित किये जा रहे, अर्हं विद्या संत निवास से जहां एक ओर सन्त निवास का अभाव दूर होगा, वहीं दूसरी ओर यह मंगलकारी अर्हं विद्या संत निवास समाज के सौभाग्य में वृद्धि कर देगा। 

         यह एक ऐसा संयोग लेकर आएगा कि मेरठ में प्रवेश के साथ ही इस संत निवास में सभी गुरुजन संघ के लिए रुकने की पर्याप्त व्यवस्था होगी और समाज को अधिक समय तक उनका आशीर्वाद और पावन सानिध्य का अवसर प्राप्त होगा। पूरे मेरठ समाज के लिए भी यह एक गौरव होगा।