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इस समय पूरे देश में मानसून का season चल रहा है। देश के विभिन्न भागों में अपने Time पर, मानसून प्रवेश करके, झूम झूम कर बरस रहा है। मानसून के आते ही सूखे मुरझाये पेड़ – पौधे हरे भरे और ताजा नजर आते हैं।
देश की ताज नगरी कहे जाने वाले आगरा नगर में, मानसून के कारण पेड़ पौधे तो इस बार हरे भरे हो ही गए हैं, वहां जैन समाज के जनमानस के चेहरे भी प्रसन्नता और खुशी से तरोताजा होकर खिल उठे हैं क्योंकि अध्यात्मिक वर्षा करने के लिए, इस नगर में दो नहीं, बल्कि पाँच संतों का आगमन हुआ है।
ऐसा तीव्र पुण्य उदय और परम सौभाग्य आगरा जैन समाज का रहा कि पांच मुनिराजों – परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री चन्द्र सागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री वीर सागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री विशाल सागर जी महाराज और पूज्य मुनि श्री धवल सागर जी महाराज का वर्ष 2021 का मंगल चातुर्मास, इस नगर को प्राप्त हुआ। चातुर्मास मिलने की खुशी व उत्साह देख ऐसा लग रहा है, जैसे आगरा वासियों के लिए, मानसून ही नहीं, बसंत के मौसम की बहार भी पांच संतो के आगमन के साथ आ गई हो ।
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26 जुलाई 2021 को वह शुभ दिन आया जिसका आगरा निवासी पलक पांवड़े बिछा कर, बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 26 जुलाई का यह दिन निश्चित ही, इस ऐतिहासिक नगरी के जैन समाज के इतिहास में दर्ज होगा। इस शुभ दिन परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज और पूज्य मुनि श्री चंद्र सागर जी महाराज का मंगल प्रवेश ही नहीं हुआ बल्कि पांच संतो का ऐतिहासिक मंगल मिलन भी आगरा की धरा पर हुआ। संत शिरोमणि आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के पांचों शिष्यों के मंगल मिलन के क्षण साक्षी बन, भक्तजन भावविभोर हो उठे। यह भव्य दृश्य, वहाँ कैमरों में ही कैद नहीं हुए, अपितु वहाँ उपस्थित जनसमुदाय की नेत्र चक्षुओं में भी सदा के लिए कैद हो गए।
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वहां पर कलाकार मयूर नृत्य कर सबका मन मोह रहे थे, तो भक्तों के मन मयूर भी अंदर ही अंदर नृत्य कर रहे थे, जिसकी प्रसन्नता उनके चेहरे पर झलक रही थी और इन प्रसन्नता की लहरों को आगम वाणी चैनल अपने कैमरों में कैद करके दूर – दूर तक पहुंचा रहा था ।
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26 जुलाई का मंगल प्रवेश ही भव्य नहीं था बल्कि सब कुछ वहाँ पर भव्य ही नजर आ रहा था। पांच ऋषिराजों के साथ चलता हुआ विशाल जनसमूह, जलूस, झांकियां, अलग-अलग ड्रेस कोड में आगरा के विभिन्न मण्डल, रंग-बिरंगे पोस्टर, ध्वजायें, बैंड- बाजे, नगाड़े, मंगल कलश के साथ महिलाएं, जय कारे लगाते भक्तजन, इस तरह के सुन्दर दृश्यों को देखकर, ऐसा आभास हो रहा था कि जैसे ये आगरा नगरी नहीं बल्कि कोई देवनगरी है, जहाँ पर देवगण हर्षोल्लास के साथ मंगल प्रवेश का उत्सव मना रहे हों। विशाल पण्डाल में रैम्प पर, 108 थालों में पाँचों मुनिराज के पाद प्रक्षालन का दृश्य भक्तों के हृदय को उत्साह से भर रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था, भव्य पंडाल में पांच भगवान ही जैसे साक्षात चले आ रहे हैं। भक्तों के मन खुशी से झूम रहे थे साथ ही पण्डाल में चल रहे, संगीतमय ॐ अर्हं नमः के नाद से वातावरण में positive तरंगे बढ़ती जा रही थीं।
मंगलाचरण, पाद प्रक्षालन, दीप प्रज्वलन, शास्त्र भेंट आदि मांगलिक क्रियाओं के बाद, उपस्थित जनसमुदाय मुनिराज के द्वारा संबोधन की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा था। पांचों ऋषिराज के प्रवचन सुनकर श्रोतागण प्रफुल्लित हो उठे। उनके श्रीमुख से अनेक नई बातें, संस्मरण, स्मृतियां, अनुभव, मार्गदर्शन आदि संबोधन में सुनने का अवसर उनको मिला। इसके साथ ही, पाँचों मुनिराजों के प्रवचन में, उनका, एक दूसरे के प्रति वात्सल्य भाव स्पष्ट झलक रहा था जिसे देखकर भक्तजन आनन्द का अनुभव कर रहे थे और साथ ही, साधर्मी वात्सल्य का सन्देश भी उन्हें मिल रहा था।
कार्यक्रम के संचालन को मनोज कुमार जैन जी ने बहुत रुचिकर बनाये रखा, अपनी बात को कहने का उनका presentation प्रभावित करने वाला था। दिल्ली के डा० मुकेश शास्त्री जी ने भी अपनी चिर परिचित शैली में कार्यक्रम के संचालन में सुन्दर भूमिका निभाई। आगमवाणी चैनल ने इस भव्य कार्यक्रम को दूर बैठे भक्तों तक पहुंचा कर उनको भी खुशी से भर दिया।
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