ॐ अर्हं, ॐ अर्हं, ॐ अर्हं बोल
सभी कार्य की सिद्धि से तू
पहले इसको बोल
ॐ अर्हं…
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जिसने भी यह मंत्र पढ़ा, दुःख सारा ही दूर किया
जिसने भी इसको ध्याया, सुख का पारावार लिया
इसकी महिमा इसकी शक्ति, नहीं सका कोई तौल।1।
ॐ अर्हं…
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भोजन से पहले तू ध्याले, चलते फिरते भी तू गाले।
सोने से पहले, जग कर के, मन को इसका नाद सुनाले
सिद्ध शुद्ध अविरुद्ध मंत्र से, तू अपना मुख खोल।2।
ॐ अर्हं…
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दुराचरण को दूर भगाए, सोता तेरा भाग्य जगाए
ध्यान साधना इसकी करके, मानव अपना भाग्य बनाए
तन मन आतम शुद्धि करे ये, महिमा है अनमोल।3।
ॐ अर्हं..
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