तत्त्वार्थ सूत्र वाचना अध्याय -1

परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज की मंगल वाणी में तत्त्वार्थ सूत्र वाचना

           तत्त्वार्थ सूत्र ग्रंथराज जैन आगम का सर्वमान्य, सर्वप्रचलित और सर्वप्रसिद्ध महान ग्रंथ है। पूरा जैन आगम इस ग्रंथ में सार रूप में समाया हुआ है। तत्त्वार्थ सूत्र ग्रंथ को मोक्ष शास्त्र के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्रंथ संस्कृत का पहला सूत्र ग्रंथ है। इन छोटे-छोटे सूत्रों में ‘गागर में सागर’ की तरह ज्ञान का सागर भरा हुआ है। अर्हं स्वधर्म शिविर में परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज की मंगल वाणी में तत्त्वार्थ सूत्र ग्रन्थ पर वाचना प्रारंभ हुई तो श्रावकों का भाग्य ही जाग उठा और उनके लिए तीव्र पुण्योदय का अवसर आ गया।

           एक तरफ तत्त्वार्थ सूत्र जैसा महान ग्रंथ और दूसरी तरफ पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का अथाह एवं विशाल ज्ञान, इन दोनों का संयोग श्रोताओं के लिये ऐसा रहा, जैसे सोने पर सुहागा ऐसा दुगना ज्ञान वृद्धि का लाभ उन्हें इस मंगल वाचना से प्राप्त हुआ।

प्रस्तुत प्रवचन श्रंखला में पूज्य मुनि श्री के इन्हीं प्रवचनों का लाभ लिया जा सकता है

DAY 1

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DAY 2

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DAY 3

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DAY 4

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DAY 5

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DAY 6

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DAY 7

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DAY 8

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DAY 9

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DAY 10


           पूज्य मुनि श्री ने तत्त्वार्थ सूत्र प्रथम अध्याय पर जब अपनी चिरपरिचित अनोखी शैली में प्रवचन दिए तो श्रोताओं को वे कुछ अलग विशेषता लिये हुए, नए तरह के प्रवचन अनुभव हुए। एक एक सूत्र को जिस तरह से पूज्य मुनि श्री ने समझाया, श्रोताजन अचम्भित, उत्साहित हो उठे। उनको वो ज्ञान प्राप्त हुआ जिसके लिए वे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे।


           प्रथम अध्याय में ही सम्यग्दर्शन के कारण, मनुष्य, तिर्यंच, नारकी और देवों में सम्यग्दर्शन कैसे होता है? श्रुतज्ञान क्या होता है? कर्मों का क्षयोपशम आदि विषयों को पूज्य मुनि श्री ने इतने सरल रुप में समझाया कि जो विषय लंबे समय से स्पष्ट नहीं हो पा रहे थे, वे सदा के लिए मस्तिष्क में बैठ गए।


           तिर्यंच जीवों को भगवान और गुरु के प्रति किस प्रकार श्रद्धान हो सकता है? अरिहन्त भगवान की प्रतिमाओं और गुरुजन के दर्शन कर कौन से तत्वों का चिन्तन किया जा सकता है? मनपर्ययः ज्ञान और अवधि ज्ञान का सूक्ष्म विवेचन और तुलना आदि विषयों को श्रवण कर श्रोताओं के ज्ञान में तीव्र वृद्धि हुई और कुछ नया ज्ञान प्राप्त करने का सुखद अनुभव भी उन्हें इस अध्याय-1 की मंगल वाचना से प्राप्त हुआ।

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12 Comments

  1. नमोस्तू गुरुदेव नमोस्तू गुरुदेव नमोस्तू गुरुदेव 🙏🙏🙏 .

  2. मजे गुरुजी के अर्हं योग शिविर के साथ जुडकर बहुत ही अच्छा लग रहा है।मैने गुरुजी के मुखारविद से दिये सारे देशना प्रवचन सुने और सारे task को भी किया मैने अपनी जीवन मैं आने वाले प्रश्नो के उत्तर पाये।और परवर्तन भी मह्सूस कर रही हू। बस गुरुजी आप के बताये गये मार्ग पर सदा ही चलते रहे यही कामना।
    ओम अर्हं नम:

  3. Namostu gurudev 👏👏 mujhe is shivir m jud k bhut achha laga. Hum apni jeevan m kitni ar kha galti karte h ye bhi samjha bs bhagwan se yhi parathna h ki shi raah p hi chalte rahe bs aisa Aashirwad milta rahe..🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  4. नमोस्तु गुरुदेव नमोस्तु नमोस्तु🙏🙏🙏
    यह अर्ह टीम को जॉईन होकर बहुत अच्छा लग रहा है. गुरुदेव की मुखारबिंद दिये गए सारी देशना प्रवचन बहुत अच्छे है इससे परिवर्तन भी महसूस कर रही हूँ बस इनके बताये हुए मार्ग पर हमेशा चलने के लिए मिलेगा.

  5. नमोस्तु गुरुदेव.मुझे अहम से अर्हंम की भावपूर्ण यात्रा मे बहुत ही अच्छा लग रहा है. योग,प्रयोग ,उपयोग और फिर चिंतन से चिंता को मिटानेका सरलतम मार्ग हमे गुरुवर ने सिखाया .इस करोना की आपत काल मे भी हमारे भविष्य को कैसे उज्वल बन सकते है ये ही बतलाया.

  6. Namostu Gurudev 🙏🙏 .. Mujhe Shivir Mein Jod kar bahut Achcha Laga. Vaise to main bahut Busy rahti hun is mahamari Ke Chalte Ke Chalte Mere ko is Shivir ko join karne mein bada acha lag me main koshish karungi Ki Main Aage Bhi is Shivir ko Join karo
    Jai jinendra 🙏🙏

  7. पु गुरुदेव के चरणों में बारबार नमोस्तु शिविर भाग लेकर हममें बदलाव लानेका प्रयास कर रहे हैं

  8. सब कुछ नया नया सीखने को मिला जीवन में पहली बार बहुत अच्छा लगा गुरुवर के चरणों में मेरा बारंबार बारंबार बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु

  9. हमें शिविर मे भाग लेकर बहुत ही अच्छा लगा।शानदार।अर्हं टीम भी गजब शानदार।लेकिन मेरी क ई बार लिंक नही खुली।नया कुछ अनुभव मिला।और ज्ञान भी प्राप्त हुआ।

  10. नमोस्तु गुरुदेव
    मैंऑनलाइन सुन रही हूँ बहुत ही आसान तरीके से गुरु जी समझाते है मुझे ऐसा नहीं लगता था की मैं tatwarthsutra कभी सीख सकूंगी लेकिन मैं सीख रही हूँ
    नमोस्तु गुरुदेव
    जो यू ट्यूब आदि के माध्यम से हमारे ज्ञान का निमित्त बन रहे हैं उनके लिए भी धन्‍यवाद

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