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जिन शासन नायक वर्धमान महावीर की भक्ति में, परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज द्वारा रचित, *वर्धमान स्तोत्र* आधुनिक समय की एक अद्भुत, अभूतपूर्व एवं विलक्षण कृति है। यह वर्धमान स्तोत्र पाठ भी है, विधान भी है, ज्ञान भी है, पुराण भी है, भगवान की स्तुति भी है, गुणगान भी है, स्वाध्याय भी है और पूज्य मुनि श्री की लेखनी से प्राप्त एक वरदान भी है। ऐसी अनोखी विशेषताएं इस स्तोत्र में समाहित हैं।