नीतिवाक्यामृत

आचार्य श्री सोमदेव सूरी जी महाराज विरचित

नीतिशास्त्र के प्रसिद्ध ग्रन्थ “नीतिवाक्यामृतम्” पर

पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज की

मंगल देशना

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प्रवचन (वाचना) –21
शहपुरा का स्मरणीय प्रवास
एवं श्रेष्ठ राजा का कार्य और विशेषताएं

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प्रवचन (वाचना) –20
पराक्रमी राजा का महत्व, पराक्रमी राजा कैसा होता है?
एवं सम्यग्दर्शन का तेज

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प्रवचन (वाचना) –19
राजा के गुण एवं कर्तव्य,
राजा का साहसी और पराक्रमी होना क्यों आवश्यक है?

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प्रवचन (वाचना) –18
व्रती को किस प्रकार दोष लग जाते हैं?
एवं राजा का कर्तव्य है- दयालु और कठोर होना

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प्रवचन (वाचना) –17
वास्तविक रूप में आस्तिक कौन और नास्तिक कौन?

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प्रवचन (वाचना) –16
शरीर और आत्मा का भेदविज्ञान, ब्रह्मचर्य का महत्व
एवं भोग से योग की ओर कैसे बढ़ें?

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प्रवचन (वाचना) –15
पूर्व जन्म के संस्कारों का प्रभाव, आत्मा पर तीन प्रकार के
संस्कार और उनका महत्व,
पूर्व संस्कारों को हटाकर नए संस्कार कैसे बनायें?

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प्रवचन (वाचना) –14
दोषों और बुरी आदतों को दूर करने का उपाय
आत्मनिन्दा कैसे करें?
कौन से कार्यों में उत्साह रखना चाहिए?

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प्रवचन (वाचना) –13
इच्छा-अभिलाषा और क्रिया, इच्छा और इच्छा शक्ति में अन्तर
दस प्रकार का मुंडन
एवं आहार देते समय क्या गलतियाँ न करें?

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प्रवचन (वाचना) –12
दुखी मन का धर्म फल पर प्रभाव, मन का परीक्षण,
सुन्दर मन किसका होता है?
विपरीत समय और आत्मबल

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प्रवचन (वाचना) –11
सहज दुख और अन्तरंग दुख में अन्तर
अन्तरंग दुख क्या है और ये क्यों होता है?

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प्रवचन (वाचना) –10
दुख के प्रकार (सहज दुख, दोषज दुख, आगन्तुक दुख)
एवं वात-पित्त-कफ की विषमता से होने वाले
रोग और उसका उपाय

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प्रवचन (वाचना) –9
दुख क्यों होता है? अपने सुख
और दूसरे के सुख का कैसे ध्यान रखें?

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प्रवचन (वाचना) –8
अनुपयोगी वस्तु को उपयोगी बनाने और गुणहीन में गुणों को
विकसित करने की कला एवं उसका सुख

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प्रवचन (वाचना) –7
सुख के कारण, अभ्यास द्वारा सुख कैसे प्राप्त करें
एवं यश-सम्मान कब मिलता है?

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प्रवचन (वाचना) –6
चित्त की एकाग्रता से प्राप्त होती है विशिष्ट क्षमता
एवं सांसरिक सुख के नियम

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प्रवचन (वाचना) –5
मन और इन्द्रियों का कार्य व महत्व

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प्रवचन (वाचना) –4
आत्मा के अस्तित्व को क्यों स्वीकार करें?

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प्रवचन (वाचना) –3
औपचारिक और अनौपचारिक सुख-दुख की पहचान कैसे करें?
एवं दुख कम करने का उपाय

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प्रवचन (वाचना) –2
वात-पित्त-कफ प्रकृति सन्तुलित करने का उपाय,
अध्यात्म का ज्ञान आवश्यक क्यों है?
एवं आत्मा का बगीचा क्या है?

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प्रवचन (वाचना) –1
अध्यात्म योग के लिए आत्मा, मन और प्राणवायु
का सन्तुलन आवश्यक एवं आत्मा-मन-शरीर के स्वास्थ्य को
प्राणवायु कैसे प्रभावित करती है?
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