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मर्यादा पुरुष श्री राम, हैं सिद्ध प्रभु बलराम,
आदर्श बनें जन जन के, वसुधैव कुटुम्ब थे जिनके,
जो भी ले इनका नाम, बिगड़े बनते सब काम।
प्रभु श्री राम, प्रभु श्री राम…(2)
मर्यादा पुरुष श्री राम…
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दशरथ जिनके जनक कहाए, कौशल्या नन्दन जन गाये,
इक्ष्वाकु वंश की शान, क्षत्रिय जग दया निधान।
प्रभु श्री राम, प्रभु श्री राम… (2)
मर्यादा पुरुष श्री राम…
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जो स्वार्थ मोह को तज के, उपकार लोक का करके,
अपवाद का रखते ध्यान, पाते खुद में सम्मान।
प्रभु श्री राम, प्रभु श्री राम… (2)
मर्यादा पुरुष श्री राम…
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हर प्राणी जिनको गाता, ना जाति-भेद मन लाता,
सीता के स्वामी प्राण, हनुमान के जो अभिमान।
प्रभु श्री राम, प्रभु श्री राम…(2)
मर्यादा पुरुष श्री राम…
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पितु वचन निभाने खातिर, तज के राजा सुख आखिर,
वन-वन करते विश्राम, अन्याय अनीति न काम।
प्रभु श्री राम, प्रभु श्री राम…(2)
मर्यादा पुरुष श्री राम…
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About भजन
बरेला (जबलपुर) में, (नवम्बर 2022) में पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का मंगल प्रवास रहा। इस लघु प्रवास की अवधि में वहाँ 11 दिवसीय “श्री राम कथा” का आयोजन हुआ। पूज्य मुनि श्री की अमृतमयी वाणी में, अतिभव्य श्री राम कथा को श्रवण करके, श्रोताजन भावविभोर और आनन्दित हो गए ।
इसी पावन अवसर पर पूज्य मुनि श्री की लेखनी से, सिद्ध प्रभु श्रीराम के गुणों का वर्णन करने वाले, इस अनुपम भजन की भी रचना हुई। पूज्य मुनि श्री की मधुर वाणी में इस भजन को प्रथम बार सुनने का सौभाग्य भी, इस अवसर पर बरेला में श्रोताओं को प्राप्त हुआ। पूज्य मुनि श्री की रसमयी वाणी में इस भक्ति भजन को श्रवण कर श्रोता झूम उठते हैं और एक बार सुनकर उनका मन नहीं भरता तो बार-बार सुनने के लिए लालायित रहते हैं।
bohut hi accha bhajan hain….namostu gurudev 🙏🙏