श्री रत्नकरण्डक श्रावकाचार
अधिकार – 1 (सम्यग्दर्शन)
(श्लोक: 1 से 41)

आचार्य श्री समन्तभद्र स्वामी द्वारा रचित
श्री रत्नकरण्डक श्रावकाचार पर


परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के मंगल प्रवचन

प्रवचन – 24
(सम्यग्दृष्टि जीव का पद)
(13
-June-2021)
(श्लोक: 38-41)

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प्रवचन – 23
(सम्यग्दृष्टिजीव एक श्रेष्ठ जीव)
(28
-May-2021)
(श्लोक: 36-37)

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प्रवचन – 22
(सम्यग्दर्शन की उत्कृष्टता का कारण)
(27
-May-2021)
(श्लोक: 34-35)

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प्रवचन – 21
(मोही मुनि की अपेक्षा निर्मोही गृहस्थ श्रेष्ठ)
(26
-May-2021)
(श्लोक: 33)

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प्रवचन – 20
(सम्यग्दर्शन के बिना चारित्र की असम्भवता)
(25
-May-2021)
(श्लोक: 32)

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प्रवचन – 19
(सम्यग्दर्शन की श्रेष्ठता)
(24
-May-2021)
(श्लोक: 30-31)

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प्रवचन – 18
(सम्यक दर्शन की महिमा, धर्म और अधर्म का फल)
(23
-May-2021)
(श्लोक: 28-29)

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प्रवचन – 17
(मद करने से हानि, पाप त्याग का उपदेश)
(22
-May-2021)
(श्लोक: 26-27)

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प्रवचन – 16
(गुरु मूढ़ता, आठ मदों के नाम)
(21
-May-2021)
(श्लोक: 24-25)

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प्रवचन – 15
(लोक मूढ़ता, देव मूढ़ता)
(20
-May-2021)
(श्लोक: 22-23)

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प्रवचन – 14
(आठ अंगों में प्रसिद्ध व्यक्ति, अंगहीन सम्यकत्व)
(19
-May-2021)
(श्लोक: 19-21)

आठ अंगों में प्रसिद्ध व्यक्ति, अंगहीन सम्यकत्व

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प्रवचन – 13
(प्रभावना अंग)
(18
-May-2021)
(श्लोक: 18)

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प्रवचन – 12
(वात्सल्य अंग)
(17-May-2021)
(श्लोक: 17)

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प्रवचन – 11
(उपगूहन अंग, स्थितिकरण अंग)
(16-May-2021)
(श्लोक: 15 – 16)

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प्रवचन – 10
(अमूढ़दृष्टि अंग)
(15-May-2021)
(श्लोक: 14)

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प्रवचन – 9
(निःकांक्षित अंग)
(14-May-2021)
(श्लोक: 12 – 13)

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प्रवचन – 8
(निःशंकित अंग)
(13-May-2021)
(श्लोक: 11)

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प्रवचन – 7
(गुरु का लक्षण)
(12-May-2021)
(श्लोक: 10)

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प्रवचन – 6
(शास्त्र का लक्षण, आगम का लक्षण)
(11-May-2021)
(श्लोक: 9)

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प्रवचन – 5
(हितोपदेशी का लक्षण, आगम का लक्षण)
(10-May-2021)
(श्लोक: 7 – 8)

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प्रवचन – 4
(आप्त का लक्षण, वीतराग का लक्षण)
(09-May-2021)
(श्लोक: 5 – 6)

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प्रवचन – 3
(धर्म का लक्षण, सम्यग्दर्शन)
(08-May-2021)
(श्लोक: 3 – 4)

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प्रवचन – 2
(आचार्य की प्रतिज्ञा)
(07-May-2021)
(श्लोक: 2)

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प्रवचन – 1
(मंगलाचरण)
(05-May-2021)
(श्लोक: 1)

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