हमारे जीवन में कभी कभी बहुत सी ऐसी घटनाएं घटती हैं जो हमें बहुत प्रभावित कर देती हैं या जो हमें हमेशा याद रहती हैं। इन घटनाओं का याद करना या लिखना ही संस्मरण कहलाता है। पूज्य पुरुषों, महापुरुषों, गुरुजनों के जीवन चरित्र और उनके जीवन से सम्बन्धित अनेक घटनायें तो दूसरों को भी इतना प्रभावित कर देती हैं कि वे उनके लिए प्रेरणा स्रोत और आदर्श उदाहरण बन जाती हैं। इसलिए कहा भी जाता है, पूज्य पुरुषों, गुरुजनों के जीवन के संस्मरण जरूर पढ़ना या सुनना चाहिए, जिससे उनके जीवन के उदाहरणों से, हम भी कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें।
अतीत की रेखाएं short Clips में पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के जीवन के कुछ संस्मरण को संजोया गया है। इन संस्मरण को पूज्य मुनि श्री के प्रवचनों से ही संकलित किया गया है। ये पूज्य मुनि श्री के प्रवचनों के ही कुछ अंश हैं। महत्वपूर्ण बात यह है, ये सभी संस्मरण पूज्य मुनि श्री की मंगलवाणी में ही हैं, इसलिए बहुत रुचिकर बन गए हैं। पूज्य मुनि श्री के अनुभव उनकी मंगल वाणी में सुनना, दिल को छू लेता है, श्रोतागण बहुत रूचि, एकाग्रता और उत्साह से इन्हें सुनते हैं और श्रवण कर हर्षित होते हैं।
पहली बार केशलोंच कैसे किया ? इस केशलोच में 8 घंटे क्यों लग गये? विहार के समय पैरों में छाले पड़ गये तो आचार्य श्री ने क्या उपाय कराया और क्या समझाया ? एक ही वर्ष में तीन कक्षा कैसे पास कर ली? जीवन में सबसे पहले कब और क्या लिखा ? किस भजन ने बचपन में ही बहुत ज्यादा प्रभावित कर दिया ? आदि अनेक रोचक संस्मरण इन short clips में श्रवण किए जा सकते हैं।
संस्मरण – 21
आचार्य श्री द्वारा ब्रह्मचारी सर्वेश भैया की परीक्षा
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संस्मरण – 21
क्यों आए आचार्य श्री जी की आंखों में अश्रु ?
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संस्मरण – 20
गुरु महाराज ने दिया नया चिन्तन
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संस्मरण – 19
कैसे हुई क्षुल्लक दीक्षा?
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संस्मरण – 18
मुनि श्री ने क्या बोला कि आचार्य श्री जी मुस्कुराने लगे ?
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संस्मरण – 17
जीवन की दिशा कैसे बदली?
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संस्मरण – 16
कैसा था हॉस्टल का जीवन?
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संस्मरण – 15
कैसे याद हुआ तत्त्वार्थ सूत्र जी?
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संस्मरण – 14
कैसे हुआ वैराग्य?
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संस्मरण – 13
जब हुई उपवास में परीक्षा
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संस्मरण – 12
जब सामायिक मे आ गए खूंखार बन्दर
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संस्मरण – 11
मच्छरों के बीच सामायिक का आनन्द
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संस्मरण – 10
सम्मेद शिखर जी मे सामायिक की अनुभूति
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संस्मरण – 9
ट्रेन से चोरी सामान वापिस पाया
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संस्मरण – 8(b)
आचार्य श्री की स्मरण शक्ति
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संस्मरण – 8(a)
मित्र से सीखा देशव्रत की मर्यादा का पाठ
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संस्मरण – 7
गुणस्थान सीढ़ी
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संस्मरण – 6
गुरु होनहार बिरवान के होत चिकने पात
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संस्मरण – 5
प्रथम केशलोंच का अनुभव
संस्मरण – 4
असंयम के छाले
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संस्मरण – 3
संयम पथ की ओर
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संस्मरण – 2
एकाकी जीवन की यात्रा का प्रारम्भ
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