अर्हं स्व धर्म शिविर से मिले संस्कार एवं आदतें बने जीवन का Vision, शिविर के Recap से हो रहा है ऐसा Revision

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प्राय: देखा जाता है कि जब हम कुछ नया सीखते हैं तो हम उस समय बहुत interest से उस नई विषय वस्तु को सीखते हैं, लेकिन फिर धीरे-धीरे समय के साथ हम उसको भूल जाते हैं। कोई विद्यार्थी जब अपना कुछ अध्ययन संबंधी पाठ याद करता है तो वह भी कुछ ही दिन में उसको भूलने लगता है, लेकिन यदि वही विद्यार्थी अपना पाठ, अध्याय याद करने के बाद, उसको दो-तीन दिन बाद फिर दोबारा revise करता है तो इस बार वह उसको आसानी से नहीं भूलता। जितनी ज्यादा बार वह विद्यार्थी अपने पाठ को revise करता है, चिंतन करता है, उतना ही मजबूती से वह पाठ सामग्री उसके मस्तिष्क में  save हो जाती है। कहा भी जाता है — Practice makes a man perfect.

इसी तरह, प्रतिवर्ष भाद्रपद मास में आने वाले दशलक्षण पर्व पर सभी श्रावक उत्साह और उमंग से व्रत, उपवास, नियम, संयम, स्वाध्याय करते हैं। दस धर्मों के बारे में समझते है, उनको जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं, लेकिन दशलक्षण पर्व के दस दिन पूरे होते ही श्रावकजन अपनी पुरानी जीवन शैली में आ जाते हैं और जो कुछ भी नया उन्होंने सीखा, जाना, चिंतन किया, सब भूल जाते हैं। इसी कारण दशलक्षण महापर्व दस दिन की एक अलग दिनचर्या तक सीमित होकर रह जाता है।

इस बार दशलक्षण पर्व के अवसर पर Online Virtual अर्हं स्व धर्म शिविर का सफल आयोजन हुआ। ये एक नए तरह का अनूठा और अनोखा शिविर था। इसमें दस धर्मों को जीवन में उतारने की skills सिखाई गईं। चिंतन, मनन करना सिखाया गया। अपना analysis करना, अपने ऊपर ही प्रयोग करना, अपने व्यवहार को, विचारों को, भावों को देखना, अपने अंदर झांकना इस तरह की अनोखी skills इस शिविर के माध्यम से सिखाई गईं।

सौभाग्य से मिली इन skills को श्रावकजन उस विद्यार्थी की तरह न भूल जाएं जो अपने पाठ का revision ही नहीं करता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अर्हं स्व धर्म शिविर का एक Recap, 7 सितंबर 2020 से प्रारंभ किया गया है। जिससे शिविर में मिले tips को श्रावक ना भूलें।  शिविर से 10 दिन में पड़ी अच्छी आदतें ना छूटें और उनमें चिंतन, मनन, उपयोग और अपना analysis करने की आदत एवं संस्कार निरंतर बने रहे।

अर्हं स्व धर्म  शिविर द्वारा श्रावकों के जीवन में अनेक बदलाव आए। अनेक नए तरह के अनुभव उन्हें प्राप्त हुए। दस धर्मों को पहली बार जीवन में उतारने का जो प्रयोग उन्होंने किया वह जीवन भर इसी तरह करते रहें। इस अभ्यास के लिए शिविर का recap बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। Recap में श्रावकजन को परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज की मंगल वाणी में दो छोटे video clip प्राप्त हो रहे हैं, जिससे वह धर्म के सार को समझ कर अपने मस्तिष्क में फिट कर रहे हैं। इसके साथ ही चिंतन के video clip से चिंतन करने की practice और अहसास के video clip से वे अपना analysis करने का अभ्यास कर रहे हैं। ये recap ऐसी technique की तरह बन गया है जो सभी श्रावकों को दस धर्मों का अभ्यास और अहसास करा कर मजबूती से जीवन में उतारने के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो रहा है।

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