अन्तर्गूंज भजन

Singer: आशीष जैन (सोनू डिण्डोरी)

.

                मध्य प्रदेश के अमरकंटक के पास स्थित डिडोरी जिले में रहने वाले आशीष जैन बचपन से ही गायन प्रतिभा को अपने में संजोए हुए हैं। आशीष जी जब केवल 15 वर्ष के थे, तभी से सभी उनके अंदर विद्यमान गायनकौशल प्रतिभा से परिचित हो चुके थे। 15 वर्ष की छोटी सी अवस्था में ही आशीष जी ने स्टेज शो करने प्रारंभ कर दिए थे। धीरे-धीरे अनेक सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रमों में उनकी आवाज में भजन, संगीत सुनने के लिए उन्हें आमंत्रित किया जाने लगा। उनकी प्रसिद्धि बढ़ती गई और संगीत की उनकी अपनी एक टीम तैयार हो गई।आशीष जी को सोनू नाम से भी जाना जाता है और इसी नाम से उनकी म्यूजिक टीम (सोनू एंड म्यूजिक टीम) को जाना जाने लगा।

                पूज्य परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज का चातुर्मास 2011 में, मध्यप्रदेश के घंसौर में चल रहा था। दशलक्षण पर्व के अवसर पर शिविर का आयोजन हो रहा था। उस समय आशीष जी (सोनू जी) की म्यूजिक पार्टी को वहां पर आमंत्रित किया गया। उसी समय सोनू जी को पहली बार परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पूज्य मुनि श्री के व्यक्तित्व, प्रवचन, भजनों व मधुर आवाज ने सोनू जी को बहुत प्रभावित किया। पूज्य मुनि श्री के भजन सुनकर सोनू जी के मन में भी उन भजनों को अपनी आवाज में गाने की इच्छा हुई। जब तक सोनू जी को यह नहीं पता था कि पूज्य मुनि श्री द्वारा रचित भजनों की एक पुस्तक अन्तर्गूंज भी प्रकाशित हो चुकी है।  

                2012 में, गोटेगांव में जब आशीष जी ने अन्तर्गूंज पुस्तक को देखा तो पूज्य मुनि श्री द्वारा रचित भजनो को पढ़कर भावविभोर हो गए। उन्होंने पूज्य मुनि श्री से आशीर्वाद प्राप्त कर अन्तर्गूंज संकलन के तीन भजनों को अपनी आवाज में गाया। उन्होंने अपने मन से इन भजनों की ट्यून, लय बनाई और संगीत के साथ उन्हें प्रस्तुत किया। नए संगीत के साथ यह भजन सभी को बहुत पसंद आए। सोनू जी ने 8 भजनों का अपना एक CD कलेक्शन भी बनाया जिसमें इन तीनों भजनो को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला ।      

आशीष सोनू जी कहते हैं ये गुरुवर का आशीर्वाद और प्रेरणा ही  है कि मुझे अपनी आवाज में इन भजनों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला। अपनी आवाज में इन तीनों भजनों को सुनकर मैं भी बहुत आनंदित होता हूं क्योंकि यह भजन पूज्य मुनि श्री द्वारा रचित है। प्रस्तुत वीडियो में इन भजनों को सुना जा सकता है ये भजन हैं…             
1.अस्त हो रहे ज्ञान सूर्य ने              
2. हम उन्हीं के हो गए हैं             
3.अरिहन्तों  की प्रतिमाओं को