Day -8 उत्तम त्याग धर्म

अर्हं स्वधर्म शिविर (2022)

आध्यात्मिक देशना
(वास्तविक त्याग क्या है ?)

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श्री तत्त्वार्थ सूत्र विधान
(अर्थ सहित)

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स्वाध्याय (नई छ्हढाला)

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पृच्छना स्वाध्याय

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One Comment

  1. सभी रस बे रस लगने लगते हैं जब अपनी इच्छाओं को समझ कर आत्म ज्ञान और आत्म ध्यान से, उन्हें डायवर्ट कर लेते हैं यही धर्म है। इच्छा शान्त हो गई,अब जो है सो है। यही त्याग का सही रुप है। परोपकारी गुरुवर ने कितनी अच्छी तरह से समझाया।

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