मेरे मन में तेरे मन में

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

वैर न होवे पाप न होवे भाव क्षमा का हो ॥1॥

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

मेरा मंगल तेरा मंगल सबका मंगल हो ॥2॥

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

मेरा जीवन तेरा जीवन सबका उत्तम हो ॥3॥

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

प्रभु के चरणा गुरु के चरणा सबको शरणा हो ॥4॥

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

तन नीरोगी मन हो निर्भय बोधि समाधि हो॥5॥

मेरे मन में तेरे मन में सबके मन में हो

दुखियारा ना कोई होवे मन ज्योतिर्मय हो ॥6॥

Posted in Bhajan.

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