जो स्वयं मोक्ष पथ पर

जो स्वयं मोक्ष पथ पर बढ़े जा रहे।

और भव्यों को भी साथ ले जा रहे।1।

है निराली डगर मोक्ष का ये सफर

क्या हमें गम जो गुरु सा मिला हमसफर

जिनकी वाणी में तत्वों का होता जिकर

जिनका मन इतना पावन हो करुणा का घर

इसलिए भक्त उनके बढ़े जा रहे।2।
जो स्वयं…..

जो सदाचार संयम का मेरु शिखर

जिनके चरणों में देवों की रहती बसर

वो गुरू मेरा विद्या का सागर महां

जिसके चरणों में झुकता है सारा जहाँ

उनके चरणों में हम भी चढ़े जा रहे ।3।
जो स्वयं…..

आया स्वर्णिम ये अवसर ये स्वर्णिम दिवस

एक राही चला ले के संकल्प बस

आत्मा के अलावा परिग्रह है सब

छोड़ दो साथ उनका अकेला हो अब

उनके पीछे भी लाखों चले जा रहे।4।
जो स्वयं…..

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