श्रद्धा की आँखों से देखो

.

श्रद्धा की आँखों से देखो, पत्थर में भगवान दिखे हैं

गुरू दर्शन में भगवत मूर्ति, हम को तो श्रीराम दिखे हैं

बाट जोहते बीती उमरिया, नैना सूखे टूटी कमरिया

कुटिया में वो जब आयेंगे, मीठे बेर उन्हें भायेंगे

पूर्ण हुई जब कठिन परीक्षा, तब शबरी को राम दिखे हैं।

गुरू दर्शन में भगवत मूर्ति, हम को तो श्रीराम दिखे हैं ।।

नाचत -नाचत भई दीवानी, कब आयी कब गई जवानी

जग के ताने चुभते भाले, जहर भरे प्याले पी डाले

जब भक्ति के झरने फूटे, तब मीरा को श्याम दिखे हैं।

गुरू दर्शन में भगवत मूर्ति, हम को तो श्रीराम दिखे हैं ।।

आते आते लौट गये क्यों, देहली सूनी छोड़ गये क्यों

आँचल उड़ता-उड़ता पुकारे, आओ सांवरिया तुम ही सहारे

राजपाट तज चली बावली, तब राजुल को नेमि दिखे हैं।

गुरू दर्शन में भगवत मूर्ति, हम को तो श्रीराम दिखे हैं।।

Please wait while flipbook is loading. For more related info, FAQs and issues please refer to DearFlip WordPress Flipbook Plugin Help documentation.

Posted in Bhajan.

Comments will appear after approval.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.