स्तोत्र पढ़कर जब भक्ति की जाती है तो उसका अलग ही आनंद होता है। जब हमें उस स्तोत्र का अर्थ पता होता है तो भक्ति में हमारे भाव ज्यादा लगते हैं और जब उस स्तोत्र के श्लोकों,पदों पर हमने गुरु के प्रवचन भी सुने हों तो हमारे भाव और ज्यादा उस स्तोत्र में लगने लगते हैं और यदि वे प्रवचन हम उन गुरु के मुख से सुन रहे हैं जो उसके रचयिता भी हैं, तो ऐसा संयोग तो बहुत पुण्य से ही मिल पाता है। “वर्धमान स्तोत्र” के रचयिता परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के श्री मुख से वर्धमान स्त्रोत के ही ऊपर प्रवचन सुनकर श्रोताजन भक्ति की ऐसी गंगा में सराबोर हो जाते हैं जिसका अनुभव ही निराला होता है। ऐसा ही पुण्य अवसर आप इस playlist के video देखकर पा सकते हैं।
1
/
3


वर्धमान स्त्रोत्र #01,2,3,4| अदृश्य को दिखाने वाली स्तुति |मुनि श्री प्रणम्य सागर जी |VardhmanStotra

वर्धमान स्त्रोत्र # 05,06,07,08 | लक्ष्मी प्राप्ति स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र # 09,10,11,12 | कालसर्पादि योग निवारक स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र # 13,14 | Vardhaman Strotr | समृद्धिवर्धक स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र #15 | Vardhaman Strotr | केवलज्ञानोत्सव स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र #15 | केवलज्ञानोत्सव स्तुति | Vardhaman Strotr | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र # 16,17,18 | Vardhaman Strotr | आनन्ददायी स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र #19 | Vardhaman Strotr | दीक्षा प्रदायी स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र #20, 21, 22 | चारित्र विशुद्धिवर्धक स्तुति | Vardhaman Strotr |

वर्धमान स्त्रोत्र # 23,24,25,26,27 | उत्कृष्ट पद प्रदायी स्तुति | मुनि श्रीप्रणम्यसागरजी

वर्धमान स्त्रोत्र # 28,29,30 | पराक्रमकारी स्तुति | Vardhaman Strotr | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्तोत्र # 31,32, 33 | मुख तेज वर्धन स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्तोत्र # 34, 35, 36, 37 | आत्महत्या विनाशक स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र # 38 | चित्त हरण करी स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

वर्धमान स्त्रोत्र # 39 | मित्र वर्धक स्तुति | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
1
/
3
