गाथा (102-136)
महान ग्रंथराज प्रवचनसार के second part का नाम है – ज्ञेय तत्व अधिकार। इस भाग पर परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के प्रवचनों के बहुत से videos इस playlist में आपको मिलेंगे। इन प्रवचन videos में— द्रव्य का स्वभाव, छह द्रव्यों के क्या लक्षण है, सत का अर्थ, जीव की पर्याय, कर्म और कर्म फल, मूर्त और अमूर्त के गुण आदि कठिन से लगने वाले विषयों को इतनी सरलता से स्पष्ट किया गया है कि श्रोतागण के ह्रदय में यह विषय आसानी से उतर जाते हैं। पांच स्थावरों की रक्षा करके कैसे पर्यावरण को बचाया जा सकता है? इस topic को वैज्ञानिक और आधुनिक दृष्टिकोण से समझाया गया है जो सभी को बहुत पसंद आता है।
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प्रवचनसार #102,103 | द्रव्यत्व का द्योतन । Dravyatva ka Dyotan | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #103 (2) | Pravachansar । मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #104 । Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #105 | द्रव्य का सामान्य लक्षण | Dravya ka Samanya Lakshan | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #106 | द्रव्य का स्वभाव | Dravya ka Swabhav | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #107 | छह द्रव्यो के लक्षण एवम सत् का अर्थ | Chah Dravyon Ke Lakshan | मुनि प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #108 | द्रव्य से द्रव्यान्तर होना | Dravya Se Dravyaantar Hona | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #109 | स्वभाव में अवस्थित द्रव्य का सद्भाव | Swabhav Me Avasthit Dravya Ka Sadbhav

प्रवचनसार #110 | उत्पाद, व्यय एवं ध्रौव्य | Uttpaad, Vyay Aur Dhrovya | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #111,112 | उत्पाद, व्यय व ध्रौव्य | Uttpaad, Vyay Evam Dhrovya | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #113,114 | द्रव्य का उत्पाद व व्यय क्या है?| Dravya Ka Uttpaad Aur Vyay| मुनि प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #115 | जिनवाणी | Jinvani | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #116 | जीवकी मनुष्यादि पर्यायो की क्रियाफलरूप । Paryayo ki kriya मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #116,117 | नामकर्म जीव के स्वभाव का पराभव | Namkarm jeev ke | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #118 | पराभव किस कारण से होता है? | Parabhav kis karan se hota | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
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