चारित्र चूलिका अधिकार महान ग्रंथराज प्रवचनसार का तीसरा भाग है। इस भाग पर जब परम पूज्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज के प्रवचन हुए तो इन अनोखे प्रवचनों ने अनेक विषयों के बारे में फैली हुई भ्रान्तियों को दूर किया, जटिल विषयों को स्पष्ट किया और जिज्ञासाओं का सरल भाषा में समाधान किया। परिग्रह और उपकरण में क्या अंतर है? स्त्री मोक्ष क्यों नहीं जा सकती? सराग चर्या क्या होती है? साधु कब वैयावृत्ति करते हैं, शुद्धोपयोग से युक्त कौन होता है? आदि सवालों, जिज्ञासाओं का समाधान इन प्रवचनों में मिलता है। साथ में दी गई playlist में इन्हीं प्रवचनों के वीडियो आप देख सकते हैं:
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प्रवचनसार #239 | परिग्रह और उपकरण में अंतर | Parigrah Aur Upkaran Me Antar | मुनि श्री प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #243,244,245,246 | स्त्री को मोक्ष क्यों नहीं?|Stree Ko Moksh Kyun Nahi? मुनि प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #247,248 | स्त्री को मोक्ष क्यों नहीं? | Stree Ko Moksh Kyun Nahi? |मुनि श्री प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #249,250 | स्त्री को मोक्ष क्यों नहीं? | Stree Ko Moksh Kyun Nahi? |मुनि श्री प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #251,252 | स्त्री को मोक्ष क्यों नहीं? | Stree Ko Moksh Kyun Nahi? |मुनि श्री प्रणम्य सागर

प्रवचनसार #253 | स्त्री को मोक्ष क्यों नहीं? | Stree Ko Moksh Kyun Nahi? | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #260,261 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #309,310,311 | प्रवचनसार का सार | Pravachansar Ka Saar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #286 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #287 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #288 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #289 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #290 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #291 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी

प्रवचनसार #292 | Pravachansar | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी
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